top of page

रहस्य और रोमांच की गाथा जारी रहेगी


महाभारत आधारित पौराणिक रहस्य गाथा के प्रथम उपन्यास "खंड 1: आह्वान" को आपने जो प्यार और प्रोत्साहन दिया उसके लिए सर्वप्रथम आपका कोटि-कोटि आभार। इस महा गाथा का आरंभ मेरे माध्यम से हुआ है, किन्तु इस यात्रा में आप सभी मेरे सहयात्री है।



लेखक का लेखन उसके पाठक सार्थक करते है। आपने "खंड 1: आह्वान" को बेहतर बनाने के लिए अनेक रोचक सुझाव भेजे जिन्हें मैंने अपनाने का हर संभव प्रयास किया। कुछ पाठकों का मानना था कि कहानी में वर्णित वीभत्सता और दुहराव में कमी लाई जानी चाहिए। कुछ हद तक यह सुझाव उचित भी है, किंतु कहानी की पृष्ठभूमि के अनुरूप ऐसे विवरणों का मुख्य उद्देश्य उन पात्रों की क्रूर मनोवृत्ति को उजागर करना है जो युद्ध के किसी नियम को नहीं मानते हैं। उनके युद्ध लड़ने का तरीका शत्रु को पराजित करने के साथ उसके मन में स्वयं के प्रति ऐसा भय बैठाना है जो भविष्य में उनके भीतर कोई विरोध करने का साहस भी नहीं छोड़े।


कई पाठकों को कहानी इतनी रोचक लगी कि उसे समाप्त करने के लिए वे रात भर जागे। कइयों को रोचक के साथ इतनी डरावनी लगी कि न छोड़ते बने, न पढ़ते बने। कइयों से कहानी से जुड़े अनगिनत पहलुओं पर रोचक चर्चा हुई जो घंटों बाद भी कभी पूरी नहीं हो पाई और जिसका कोई न कोई हिस्सा अगले बार के लिए एक ही सवाल के साथ बचता—‘अगला खंड कब आने वाला है?’


यकीन मानिए कि इस शृंखला के अगले भागों के लिए जितने आप उत्सुक हैं, उससे कहीं अधिक मैं उत्सुक हूँ। फिलहाल आपके लिए महाभारत आधारित पौराणिक रहस्य गाथा का दूसरा खंड लेकर उपस्थित हूँ। "खंड 1: आह्वान" में मिली रोहन की वसीयत और उससे जुड़ी रोंगटे खड़े करने वाली वस्तुओं की गुत्थी में उलझे श्रीमंत परिवार को "खंड 2: स्तुति" में उस रहस्यमय यज्ञ के दर्शन हुए जिसे अदृश्य मुमुक्षुओं ने कुरुक्षेत्र में महाविनाश के उत्सव से दूर अपने त्याग, समर्पण और निष्ठा से श्रीकृष्ण के आदेश पर मानवता के चरणों में समर्पित किया था।


किन्तु द्वापरयुग के गर्भ में पोषित वह दिव्य यज्ञ कलयुग में श्रीमंत परिवार के जीवन और मानवता के भविष्य का निर्णायक कैसे बना? उससे रोहन की वसीयत का क्या जुड़ाव था? जाने श्रीमंत परिवार और इंस्पेक्टर जयंत की इस रहस्यमय और रोमांचक यात्रा के अगले पड़ाव "खंड 2: स्तुति" में रोहन की वसीयत के कौन से रहस्य छुपे हैं और कौन सी नई चुनौतियाँ उनका इंतजार कर रही हैं।


खंड 2: स्तुति का बुक ट्रेलर देखना न भूले-



यदि आपने अभी यह यात्रा शुरू नहीं की है, तो देर नहीं हुई हैं। खंड 1: आह्वान पढ़ें और आज ही मेरे साथ इस दिव्य पुरातन रहस्य की परतें खोलने के लिए जुड़े।


'खंड 2: स्तुति' ऑर्डर करें और हमेशा की तरह अपने सुझाव और प्रतिक्रियाएं मुझे भेजते रहें।


 

Comments


bottom of page