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मेरा प्रथम हिंदी थ्रिलर नोवल: "खंड १: आह्वान"

Updated: Feb 26, 2020

मुझे आपको बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि मेरी प्रथम हिंदी थ्रिलर नोवल “आह्वान” आपके पढ़ने के लिए मार्केट में उपलब्ध है|


खंड १ आह्वान: एक विलुप्त सत्य जिसने इतिहास को बौना कर दिया

इतिहास मिथ्या है। ये दूसरों की आँखों-देखी वो अधूरी कहानी है जो सत्य और असत्य, घटित और अघटित के बीच की दूरी पाटती है, किन्तु कभी पूर्ण सत्य नहीं होती है। इतिहास को दबाया जा सकता है, किन्तु उसके गर्भ में छुपा सत्य काल और पीढ़ियों की दूरी को तय करता हुआ उचित समय आने पर अकल्पनीय रूप से जाग्रत होता है।

मेरी पहली पुस्तक “खंड १ आह्वान: एक विलुप्त सत्य जिसने इतिहास को बौना कर दिया” आपको इतिहास की ऐसी ही एक अनकही, किन्तु शाश्वत कथा से साक्षात्कार कराते हुए सम्मोहित करती है। कहानी की शुरुआत रोहन और उसके बेटे निश्चल की दर्दनाक मौत के बाद मिली एक साधारण वसीयत से होती है। वसीयत के कुछ डरावने पहलुओं से घबराए रोहन के पिता श्रीमंत रोहन के दोस्त इंस्पेक्टर जयंत से वसीयत की जांच करवाते है। जांच के दौरान वसीयत से जुड़े अनेक उलझे हुए धागे और अविश्वसनीय घटनाओं का सामना करते हुए जयंत को यकीन होने लगता है कि रोहन की वसीयत का सच उनकी सोच से कही गहरा है। रोहन की साधारण वसीयत से जुड़ी कड़ियों को जोड़ते हुए सभी अँधेरे में छुपे इतिहास के उस हिस्से में पहुँचते है जो प्रत्यक्ष से कही गुना अधिक विस्तृत, डरावना, और अकल्पनीय है। सर्वस्व दांव पर लगे इस सफर में उनके अलावा कोई और भी इस गुप्त सत्य के निकट था और उसे अपने रहस्यमय स्वामी की विजय के लिए पानी की तरह पैसा बहाने और लाशें बिछाने में कोई गुरेज नहीं था।


यदि आप अज्ञात इतिहास को खोजते हुए मिथकों का तथ्यों और सत्य से तुलना करने का साहस रखते है, तो “आह्वान” पुस्तक आपके लिए है। रहस्य और रोमांच से भरी ये पुस्तक आपको इतिहास और वर्तमान, सत्य और मिथक के बीच यात्रा कराते हुए कल्पना के आकाश और यथार्थ के धरातल दोनों से जोड़ती है। वैदिक शास्त्रों और समकालीन अनुसंधानों से अलंकृत सत्य और कल्पनाओं के अनूठी बंधन में गूंथी ये कहानी आपको शुरू से लेकर अंत तक बांधे रखती है।


पुस्तक के बारे में प्रारम्भिक रुझान काफी अच्छे आए है और लोगो ने इसे काफी पसंद किया है| कई पाठकगण किताब पढ़कर मुझे फोन, इमेल, अथवा वाट्सएप पर अपने सवाल और प्रतिक्रियाएं साझा कर रहे है| उन सभी का धन्यवाद! सुनकर अच्छा लगता है कि कहानी में उनका रुझान अंत तक बना रहा| एक लेखक के लिए इससे अच्छा पुरूस्कार क्या हो सकता है कि कोई उसकी रचना पढ़े और पढ़कर उसपर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करे|

उम्मीद करता हूँ कि उनका यह रुझान आगे भी कायम रहेगा और कई नए पाठकगण इस पुस्तक को पढ़ने में रूचि दिखायेगे| रिटेल बुक स्टोर में किताब के आने में थोड़ा समय लगेगा, किन्तु पुस्तक ऑनलाइन Amazon और Flipkart पर ऑर्डर के लिए उपलब्ध है| विदेशों में रहने वाले पाठकगण पुस्तक को Amazon.com पर आर्डर कर सकते है|


यदि आप Facebook पर एक्टिव है तो आपका मेरे पेज पर स्वागत है| पुस्तक का वीडियो ट्रेलर देखना न भूले| कई पाठकगणों ने इस वीडियों की विशेष रूप से तारीफ़ की है| बताएं आपको कैसा लगा|

धन्यवाद!

सौरभ कुदेशिया

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